वनाग्नि की रोकथाम के लिए राज्य स्तर पर आयोजित मॉक अभ्यास के तहत उत्तरकाशी जिले में भी तीन जगहों पर वनाग्नि नियंत्रण हेतु इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम (आईआरएस) की तैयारियों को परखा जाएगा। इस सिलसिले में आज वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से संपन्न टेबिल टॉप एक्सरसाईज में जिलास्तरीय आईआरएस सिस्टम के आरओ एवं जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट सहित जिले के अन्य अधिकारियों ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों क सम्मुख मॉक अभ्यास को लेकर जिले में की गई तैयारियों का प्रस्तुतिकरण किया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि उत्तरकाशी जिला वनाग्नि की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील एवं चुनौतीपूर्ण है। जिसे देखते हुए यहां पर वनाग्नि प्रबंधन के लिए अधिक प्रभावी कदम उठाए जाने आवश्यक हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि 13 फरवरी 2025 को प्रस्तावित मॉक अभ्यास के लिए जिले में भटवाड़ी तहसील के अंतर्गत तीन स्थान साल्ड-जोंकाणी मोटर मार्ग, एनआईएम बैंड एवं एनएच-34 गंगोरी को चयनित किया गया है। इन तीनों जगहों पर प्रातः 8 बजे से वनाग्नि की रोकथाम के लिए मॉक अभ्यास शुरू किया जाएगा। मॉक अभ्यास में आईआरएस सिटम में नामित अधिकारियों व राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के साथ ही पुलिस, एसडीआरएफ, आईटीबीपी एवं सेना के कार्मिकों द्वारा भी प्रतिभाग किया जाएगा। जिलाधिकारी ने बताया कि मॉक अभ्यास को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
टेबिल टॉप एक्सरसाईज के बाद जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर पूरी तैयारी व संसाधनों के साथ तय समय पर मॉक अभ्यास में प्रतिभाग करने के निर्देश देते हुए कहा कि अभ्यास के दौरान वनाग्नि नियंत्रण के तैयारियों व क्षमताओं को परखने के लिए निर्णय व कार्रवाई में तत्परता तथा सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान का भी विशेष ध्यान रखा जाय।
Reported By: Gopal Nautiyal