क्राइम पेट्रोल: उत्तराखंड में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव तेजी से बढ़ रहे हैं, और राज्य प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहा है। एसडीसी फाउंडेशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘मेकिंग मोलहिल्स ऑफ माउंटेंस: टेल्स ऑफ उत्तराखंड्स क्लाइमेंट क्राइसेस एंड एन असर्टेंन डेवलपमेंट मॉडल’ के दूसरे संस्करण का विमोचन दून पुस्तकालय में हुआ। मुख्य अतिथि पूर्व मुख्य सचिव एनएस नपलच्याल ने आपदाओं से निपटने के लिए पारंपरिक और आधुनिक ज्ञान को जोड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया।
सुप्रीम कोर्ट के वकील राजीव दत्ता और क्लाइमेट रियलिटी प्रोजेक्ट के आदित्य पुंडीर ने भी राज्य में पर्यावरणीय चुनौतियों पर विचार व्यक्त किए। पुंडीर ने बताया कि हिमालयी क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन का असर दोगुना है और इसके कारण पलायन को रोकने के लिए जीवन स्तर में सुधार और बेहतर संसाधनों की जरूरत है।
एसडीसी फाउंडेशन ने मेकिंग मोलहिल्स ऑफ माउंटेंस पुस्तक के दूसरे संस्करण को पर्यावरणविद् और गांधीवादी, स्वर्गीय श्रीमती विमला बहुगुणा को समर्पित किया। उनके पुत्र और सामाजिक कार्यकर्ता राजीव नयन बहुगुणा ने कहा कि आज के दौर में रोजगार से भी बड़ी जरूरत पर्यावरण संरक्षण है। धरती रहेगी तो ही बाकी सभी काम होंगे। उन्होंने कहा कि विष्व में निर्माण के साथ ध्वंस करने वाले भी सक्रिय हैं।
अन्य लेखकों ने पुस्तक में प्रकाशित अपने लेखों के बारे में बताया। इनमें लाल बहादुर शास्त्री एडमिनिस्ट्रेशन अकादमी के चीफ मेडिकल अफसर डॉक्टर मयंक बडोला के अलावा गौतम कुमार, सारा गर्ग, महिका फर्त्याल और डॉ. अरुणिमा नैथानी शामिल थे।
पुस्तक को पर्यावरणविद् विमला बहुगुणा को समर्पित किया गया, जिनकी प्रेरणा से इस क्षेत्र में काम किया जा रहा है। कार्यक्रम में राज्य की तीन महिलाओं की सक्सेस स्टोरी भी प्रदर्शित की गई।