श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने अपने संस्कृत विद्यालयों में दशकों से एक ही स्थान पर कार्यरत अध्यापकों और कर्मचारियों के स्थानांतरण को तर्कसंगत बताया है। समिति का कहना है कि यह कदम विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हेतु जरूरी था। स्थानांतरण संबंधित प्रधानाचार्यों की संतुष्टि के बाद सक्षम अधिकारियों द्वारा किए गए हैं, और प्रशासन ने स्पष्ट किया कि इस निर्णय में कोई भी नियमों का उल्लंघन नहीं किया गया है।
हालांकि, स्थानांतरण से संबंधित कर्मचारियों और अध्यापकों द्वारा कोई आपत्ति नहीं उठाई गई है। वर्तमान में, पूर्व मध्यमा और उत्तर मध्यमा परिषदीय परीक्षाओं के संपन्न होने तक यह प्रक्रिया स्थगित रखी गई है।
इसके अलावा, मंदिर समिति में कर्मचारियों को समयमान वेतनमान (एसीपी) का लाभ नहीं मिल पा रहा था, जिसे अब शासनादेश के अनुसार पात्र कर्मचारियों को दिया गया है। श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति कर्मचारी संघ ने विभागीय एसीपी मान्य किए जाने और मंदिर समिति के निर्णयों का स्वागत किया है। संघ ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का आभार व्यक्त किया है।
मंदिर समिति प्रशासन ने किसी भी अनियमितता को खारिज किया है और कहा है कि विभागीय स्थांतरण एक सामान्य प्रक्रिया है। यह अफवाह है कि पिछली समिति के किसी निर्णय को बदला गया है। संघ के अध्यक्ष विजेंद्र बिष्ट ने भी कहा कि कर्मचारी एसीपी लाभ मिलने के निर्णय से संतुष्ट हैं और इसे स्वागत योग्य माना है। उन्होंने बाहरी तत्वों से राजनीति से दूर रहने की अपील की है।
Reported By: Arun Sharma